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Vishwa Hindi Diwas Celebrations on Jan 13, 2018

प्रेसविज्ञप्ति

संयुक्तराज्यअमेरिकामेंहिंदीकेप्रचार-प्रसारकेलिएस्थानीयविश्वविद्यालयोंकोभारतीयकौंसलावासकासहयोग

न्यूयॉर्क, 13जनवरी:

न्न्यू यॉर्क स्थित भारतीय कौंसलावास में गत 13 जनवरी को रंगारंग विश्व हिंदी दिवस समारोह मनाया गया। कड़कती ठण्ड की परवाह न करते हुए अति उत्साह और उमंग से भरे भारतीय मूल के बच्चे अपने माता-पिता और शिक्षकों के साथ न्यू यॉर्क, न्यू जर्सी और पेनसिल्वानिया के सुदूर शहरों से अपने हिंदी ज्ञान का प्रदर्शन करने न्यू यॉर्क कौंसलावास पहुंचे। इस अवसर पर अमेरिका के विश्विविद्यालयों में हिंदी को उच्च शिक्षा स्तर पर ले जाने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले दो भाषाविद प्रोफेसर जेनिस जेनसन और प्रोफेसर जेनिफर एड्डी भी उपस्थित थे, जिन्होंने उपस्थित जन समुदाय को अपने संस्थानों में चल रहे हिंदी पाठ्यक्रमों से अवगत कराया।

"इक्कीसवीं सदी में भाषा शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ज़रूरी है कि शिक्षकों के प्रशिक्षण की आधुनिक व्यवस्था की जाय", यह सन्देश था प्रोफेसर जेनसन का, जिन्होंने सन 2016 में न्यू जर्सी के केन विश्वविद्यालय में हिंदी शिक्षण में मास्टर्स पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा कि केन विश्वविद्यालय का 'मास्टर्स इन हिंदी पेडगोजी' पाठ्यक्रम न सिर्फ हिंदी शिक्षकों को न्यू जर्सी और अमेरिका के अन्य प्रांतो में सरकारी शिक्षण सर्टिफिकेशन का प्रामाणिक मार्ग है बल्कि, यह कार्यक्रम दुनिया भर में अनूठा है क्यों कि यह समग्र रूप से हिंदी भाषा शिक्षण पर केन्द्रित है। अमेरिका के भारतीय समाज से समर्थन की मांग करते हुए जेनसन का कहना था कि केन विश्वविद्यालय इस पाठ्यक्रम को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन नयी पीढ़ी को हिंदी भाषा में प्रशिक्षण लेने के लिए आगे आना होगा, साथ ही भारत के विश्वविद्यालय केन के साथ मिलकर संयुक्त डिग्री पाठ्यक्रम चला सकते हैं, तभी यह पाठ्यक्रम सही मायनों में सार्थक कहा जा सकता है। प्रधान कौंसुल श्री संदीप चक्रवर्ती ने जेनसन को आश्वासन दिया कि वे केन विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे, वहां के हिंदी स्नातकों से मिलेंगे, और मास्टर्स प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए भारत सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास करेंगे।

दूसरी तरफ न्यू यॉर्क के क्वींस कॉलेज की प्रोफेसर जेनिफर एड्डी ने, उनके कॉलेज में, जो कि न्यू यॉर्क के सिटी यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध है, हाल ही में प्रारम्भ 'मास्टर इन आर्ट्स' कार्यक्रम से जुड़े हिंदी सर्टिफिकेशन के अहम् पहलुओं की चर्चा करते हुए कहा कि न्यू यॉर्क के भारतीय समुदाय की नयी पीढ़ी को हिंदी शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित करने का यह सुनहरा अवसर उपलब्ध हुआ है।

एक तरफ दोनों प्राध्यापकों ने अपने प्रदेशों में हिंदी शिक्षण की उच्च शिक्षा का ब्यौरा देते हुए उपस्थित जन समुदाय के हिंदी प्रेम को प्रज्ज्वलित करने का कार्य किया तो दूसरी तरफ प्रधान कौंसुल श्री चक्रवर्ती ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हिंदी भारतीय मूल के लोगों की पहचान है, जिसे समृद्ध किये बिना भारतीय संस्कृति का प्रसार नहीं किया जा सकता। श्री चक्रवर्ती ने कोंसुलावास की तरफ से हर संभव सहयोग का वचन देते हुए नृत्य-संगीत का अभिनव प्रदर्शन करने वाले बालक-बालिकाओं को सहभागिता प्रमाण पत्र भी प्रदान किये।

विश्व हिंदी दिवस मनाने का यह कार्यक्रम हर दृष्टि से मनोरंजक रहा, जहां बच्चों ने अपनी भाषा क्षमता का परिचय देते हुए, कविताएं पढ़ीं, नृत्य-नाटिकाएं प्रस्तुत की और हिंदी के समर्थन में अपने वक्तव्य भी दिए। "हमने स्टारटॉक हिंदी कार्यक्रमों में हिंदी सीखी ताकि समाज में सार्वजनिक मंच से अपनी बात आत्मविश्वास के साथ कह सकें।", यह कहना था नेहल बजाज का, जो संगम-फ्रैंकलिन स्टारटॉक कार्यक्रम में पिछले दो वर्षों से हिंदी सीख रही है। नेहल की मातृभाषा हिंदी है और वह भारत घूमने के लिए उत्साहित है, साथ ही, अमेरिका में अपने हिंदी ज्ञान को ऊँचे स्तर पर ले जाने के लिए कटिबद्ध! स्टारटॉक अमेरिकी सरकार की ग्रीष्म कालीन योजना है जिसके तहत हिंदी जैसी महत्वपूर्ण भाषाओँ को स्थानीय स्कूलों के सहयोग से